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Surendra kumar singh

Fantasy

3  

Surendra kumar singh

Fantasy

अच्छा लगता है

अच्छा लगता है

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अच्छा लगता है

बहुत अच्छा लगता है तुम्हारा होना भर।

कुछ भी कहो

कुछ भी करो

या मौन ही रहो

अच्छा लगता है तुम्हारा होना

बोलते हो तो

लगता है मेरे लिये बोल रहे हो

कुछ करते हो

तो लगता है मेरे लिये कर रहे हो

और तुम्हारा मौन

दीवाना ही समझो मुझे अपने मौन का

कभी कुछ खुद से भी कुछ बोला करो

कभी अपने लिए भी कुछ किया करो

यूँ मौन रहना अच्छी बात है

पर जरूरी नही है

कि स्थिर रहो

जीवन है तो गति भी होनी चाहिए उसमें

कभी अपने लिए भी चल लिया करो

जो चल सको तो

यूँ तो बकवास हो जाओगे

निरुद्देश्य,निष्प्रयोज्य।


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