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Veena Mishra ( Ratna )

Fantasy Romance

5.0  

Veena Mishra ( Ratna )

Fantasy Romance

पत्रों की दराज

पत्रों की दराज

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चाहती हूँ कि नींद आ जाए,

करवटों में न रात गुजर जाए।


माथे से सारी सलवटे फिसल जाए,

यादों से उनकी निजात मिल जाए।


छूटा वक्त फिर से न रुबरु हो जाए,

दराजों में सहेजें लम्हें न बिखर जाए।


दिलो जान से चाह कर भी न कह पाए ,

पत्र जो लिखा उसे कभी भेज न पाए ।


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