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“मौसी, कद से कोई बड़ा नहीं होता..अक्ल से होता है।" “मौसी, कद से कोई बड़ा नहीं होता..अक्ल से होता है।"
'सवेरे की चाय तुम्हारे हाथों से ही अच्छी लगती है। 'सवेरे की चाय तुम्हारे हाथों से ही अच्छी लगती है।
अगर मेरी सोच में कुछ कमी लग रही है, तो तू ही बता दे। अगर मेरी सोच में कुछ कमी लग रही है, तो तू ही बता दे।
कहने के साथ बेटी के पैर मछली वाली औरत की ओर चल पड़े। कहने के साथ बेटी के पैर मछली वाली औरत की ओर चल पड़े।
तुम्हारा नाम 'चाणक्य' रखना मुझे बेहद तर्कसंगत और बेहद सार्थक लग रहा है।” तुम्हारा नाम 'चाणक्य' रखना मुझे बेहद तर्कसंगत और बेहद सार्थक लग रहा है।”
मैं पेंटिंग को दुबारा... नये सिरे से देखने लगी । मैं पेंटिंग को दुबारा... नये सिरे से देखने लगी ।
'अरी..तू तो सच में मेरी होशियार घरनी है।' 'अरी..तू तो सच में मेरी होशियार घरनी है।'
जो बादल से आच्छादित आसमान में भी स्वच्छंद उड़ान भरने के लिए उताहुल था। जो बादल से आच्छादित आसमान में भी स्वच्छंद उड़ान भरने के लिए उताहुल था।
परिसर में ' वंदे मातरम् ' का उद्घोष जारी था। परिसर में ' वंदे मातरम् ' का उद्घोष जारी था।
" माँ! सोच में अमीरी झलकनी चाहिए, पहनावे में नहीं।" " माँ! सोच में अमीरी झलकनी चाहिए, पहनावे में नहीं।"