यूँ हीं आपस में गुफ्तगू करते, समेट लेंगे इन हसीन लम्हों को, यूँ हीं आपस में गुफ्तगू करते, समेट लेंगे इन हसीन लम्हों को,
आजकल भारी संख्या में लोग गाव से शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। मेने आज कुछ उसी मुद्दे के ऊपर लिखा है । ... आजकल भारी संख्या में लोग गाव से शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। मेने आज कुछ उसी मुद्...
जलवा उनका अपने मन को भाया है, गुजरे अपनी तनहा कैसे हालों से। जलवा उनका अपने मन को भाया है, गुजरे अपनी तनहा कैसे हालों से।
फुर्सत की तलाश में चिंताएँ बेहिसाब आ गईं, जो पढ़ न सके कोई बाज़ार में वही किताब आ गई। फुर्सत की तलाश में चिंताएँ बेहिसाब आ गईं, जो पढ़ न सके कोई बाज़ार में वही...
कभी सोचती हूँ - क्या सोचती हूँ, कभी सोचती हूँ - क्यों सोचती हूँ... कभी सोचती हूँ - क्या सोचती हूँ, कभी सोचती हूँ - क्यों सोचती हूँ...
कहीं रात दिन की टक्कर में चूल्हे चौके के चक्कर में कहीं रात दिन की टक्कर में चूल्हे चौके के चक्कर में