मैं इसी उधेड़ बुन में बिखेर देता हूं यादों के दराज से हर भूली बिसरी यादों को मैं इसी उधेड़ बुन में बिखेर देता हूं यादों के दराज से हर भूली बिसरी यादों को
ज़रूरी नहीं कि कोई रिश्ता एक उम्र जिया जाए एक रिश्ता हमें छुपा लेना चाहिए मेज़ की दराज़ ज़रूरी नहीं कि कोई रिश्ता एक उम्र जिया जाए एक रिश्ता हमें छुपा लेना चाहिए मेज़...