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Tinku Sharma

Drama Classics Fantasy

4  

Tinku Sharma

Drama Classics Fantasy

नया इश्क़...

नया इश्क़...

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उसके चेहरे पर नूर चढ़ रहा है,

नए इश्क का भूत चढ़ रहा है।


आज ही पता चला उड़ते उड़ते,

कोई अपना साजिशें गड रहा है।


कोई कह दे उसे मिलने आजाये,

के दिन से सीने में दर्द बढ़ रहा है।


मेरी मौत पर आएगा तोहफा लेकर,

वो मेरे कफन में मोती जड़ रहा है।


आसमान से देख रहा हूँगा एक दिन,

कोई मेरी वफ़ा के किस्से पढ़ रहा है।


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