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Tinku Sharma

Classics Fantasy Inspirational

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Tinku Sharma

Classics Fantasy Inspirational

ज़िंदगी का रुख...

ज़िंदगी का रुख...

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नफ़रतों में जीने का मजा ही कुछ और है।

मेरी इस जिन्दगी से रजा ही कुछ और है।


उसे बिल्कुल भी मोहब्बत नहीं मुझसे,

खैरियत पूछने की वजह ही कुछ और है।


दगाबाजी का बदला दगाबाजी तो नहीं,

दिल तोडने की तो सजा ही कुछ और है।


मैं वो नहीं जो जहन में आये किसी के,

जमाने ने मुझे समझा ही कुछ और है।


पैसा बढ़ा देता है अहमियत शख्स की,

यहाँ अमीरी का दर्जा ही कुछ और है।


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