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सोनी गुप्ता

Classics

5.0  

सोनी गुप्ता

Classics

पौराणिक कथा गणेश जी की

पौराणिक कथा गणेश जी की

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चलो आज आपको एक पौराणिक कथा सुनाते हैं, 

विष्णु और लक्ष्मी जी के विवाह पर लेकर जाते हैं, 


सभी देवताओं को भेजे गए थे विवाह के निमंत्रण, 

सभी थे उपस्थित वहाँ पर गणेश जी नहीं दिखते हैं, 


ना आने का कारण जान हुआ बड़ा अचंभा सबको, 

हर काम में सबसे पहले श्री गणेश जी पूजे जाते हैं, 


आश्चर्य हुआ सबको तब सबने पूछा इसका जवाब, 

निमंत्रण ना भेजकर स्वयं पर विष्णु जी इठलाते हैं, 


भोलेनाथ को भेज दिया निमंत्रण यही बात काफी है, 

गणेश जी तो दूसरों के घर इतना खाना खा जाते हैं, 


सुझाव मिले विष्णु जी को गणेश को बुलावाने हेतु, 

गणेश जी आ जाएं तो उनको द्वारपाल बना देते हैं, 


इस बात पर विष्णु जी ने भी अपनी सहमति दे दी, 

गणेश जी जब पहुंचे, रखवाली के लिए बैठ जाते हैं, 


द्वार पर रखवाली करते हुए गणेश जी को देखकर , 

नारद जी गणेश जी के कानों में कुछ फुसफुसाते हैं, 


भगवान विष्णु से अपने अपमान का बदला लेने हेतु, 

नारद जी के कहने पर अपनी मूषक सेना बुलवाते हैं, 


बारात के रास्ते पर मूषकों ने मचा दी बहुत ही तबाही, 

किया सब गणेश जी ने विष्णु जी सब समझ जाते हैं, 


आदर सम्मान के साथ, गणेश जी को बुलवाया गया, 

प्रथम गणेश जी को पूजे सब कार्य सिद्ध हो जाते हैं, 


गजानन नाश करते अभिमान का दान देते ज्ञान का, 

जो करे इनकी भक्ति उनके सब काज शुभ कर देते हैं I



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