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Tinku Sharma

Classics Inspirational

4  

Tinku Sharma

Classics Inspirational

नौ देवी रूप

नौ देवी रूप

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लिये हाथ में खड़ग, संहारकारी हो,

शक्ति हो पापियों की विनाशकारी हो।


हर तरफ खुशियाँ ही फैलाती हो,

मुख पर मुस्कान से आभाकारी हो।


दुखियों के हरती दुख सारे क्षण में,

मानवता की तुम ही परिचारी हो।


होता तुमसे ही भटका मन ध्यानचित्त

तुम ही जग में शान्ति की संचारी हो।


वाणी में बहती हो बुद्धि में समाई हो,

ज्ञान से तुम ही मेरा जीवन सवारी हो।


रमा रहे मन मेरा भक्ति में सदा तुम्हारी,

तुम ही केवल इस जग में साकारी हो।


बस हो जाये नाम मेरा मैं भक्त तेरा,

हर जगह जय जयकार तुम्हारी हो।


हो जन जन की जिह्वा पर नाम तुम्हारा,

कौने कौने में प्रसिद्धि तुम्हारी हो।


करे नर नारी सच्चे मन से जाप तुम्हारा,

जीवन भर धन दौलत का वो भंडारी हो।


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