मुझे कुबूल
मुझे कुबूल
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ए जिंदगी तेरा हर गम मुझे कुबूल
तेरा हर गम मुझे कुबूल
भविष्य ने मेरा वर्तमान दिया है भूल
तेरा हर गम मुझे कुबूल
अतीत में मेरा बचपन था
दादी नानी की कहानी थी
माँ की प्यारी लोरी थी
पापा की घुड़सवारी थी
स्कूल का पहला वो दिन था
जब क, ख, ग न आते थे
छुट्टी की घंटी बजते ही
रेल का डिब्बा खाली है, छुट्टी होने वाली है
हम गाते थे
पापा थक कर जब आते थे
फिर भी हम गोदी में सो जाते थे
अब वो साल गये हैं बीत
अब वो हाल गये हैं बीत
तुम भी गये हो बीत
ऐ मेरे प्यारे अतीत
अब चिंताएं हैं इच्छाएं हैं
भविष्य की आशाएँ हैं
भविष्य में वर्तमान गये हैं भूल
तेरा हर गम मुझे कुबूल
तेरा हर गम मुझे कुबूल ।
