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Sarswati Aarya

Inspirational

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Sarswati Aarya

Inspirational

सिपाही

सिपाही

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मातृभूमि के वीरों से देश आबाद रहा

पर हमें देश कब याद रहा

सिपाही आतंक से लड़े

वे लड़ गये और मर गये

जो दिलों से हिंदुस्तानी थे

उन्हें हम हिंदू ,मुस्लिम कर गये

सिपाही आतंक वाद से लोहा ले

कर भ्रष्टाचार हम देश को धोखा दें

वो तिरंगे को सलामी दें

हम वर्क्षों को नीलामी दें

बिन राखी की कलाई से

वो हर बहना का सम्मान करें

पर कुछ ऐसी भी कलाई हैं

जो बहना का अपमान करें

उनका कोई भी सगा नहीं

बल्कि हिंदुस्तानी ही संबंधी है

हम लड़े बन हिंदू ,मुस्लिम 

हमारी धर्मों से पाबन्दी है

हम सबके लिए सिपाही लड़ा

तिरंगे को कफ़न बना लाया

हम फिर भी स्वार्थी बने रहे

आँख का आंसू भी न बह आया

हर हिंदुस्तानी तुम्हारा कर्जदार

तुम्हीं भारत के हो रखवाले

सिपाही

तुम्हारी जय - जय कार, तुम्हारी जय - जय कार



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