ना पुछ तारीख़ से मेरे इश्क़-ए-वतन की सनद मेरे लावारिस मय्यत को बस मादर-ए-वतन दे दे ना पुछ तारीख़ से मेरे इश्क़-ए-वतन की सनद मेरे लावारिस मय्यत को बस मादर-ए-वतन ...
लोकतंत्र है साहब मासूम लोगों को भरमाता था झूठे सपने दिखाकर । लोकतंत्र है साहब मासूम लोगों को भरमाता था झूठे सपने दिखाकर ।
मैं ये देख सकता हूँ न ही सुन सकता हूँ वो कुछ भी कह ले मैं ये देख सकता हूँ न ही सुन सकता हूँ वो कुछ भी कह ले
कहर तूने खुद बुलाया अपना कफ़न तू खुद ले आया... कहर तूने खुद बुलाया अपना कफ़न तू खुद ले आया...
उपकार है उनका ये हमपर जो जी रहे बेख़ौफ हम वतन के साथ है वो रिश्ता निभाते उपकार है उनका ये हमपर जो जी रहे बेख़ौफ हम वतन के साथ है वो रिश्ता निभाते
उपकार है उनका ये हमपर जो जी रहे बेख़ौफ हम वतन के साथ हैं वो रिश्ता निभाते उपकार है उनका ये हमपर जो जी रहे बेख़ौफ हम वतन के साथ हैं वो रिश्ता निभाते