तेरे ख़्यालों के सिवा कुछ दिल को ना आये रास तेरे ख़्यालों के सिवा कुछ दिल को ना आये रास
जिम्मेदारियों कि डोर पैरों में थी ख्वाहिशों की पतंगे उड़ने लगी...! जिम्मेदारियों कि डोर पैरों में थी ख्वाहिशों की पतंगे उड़ने लगी...!
हुआ यूं, एक बार उसकी आहटों को सुना, रंजिशों को भूल उसकी चाहतों को चुना। हुआ यूं, एक बार उसकी आहटों को सुना, रंजिशों को भूल उसकी चाहतों को चुना।
रोज लिखता था तेरी मुस्कुराहटों को रात में सुनता था तेरी आहटों को रोज लिखता था तेरी मुस्कुराहटों को रात में सुनता था तेरी आहटों को
किस्मत देखो उसकी है आज अपने उरूज पर। सारी की सारी दुनिया ही अब उस पर निहाल है किस्मत देखो उसकी है आज अपने उरूज पर। सारी की सारी दुनिया ही अब उस पर निहाल है