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FORAM. R. MEHTA

Action

4  

FORAM. R. MEHTA

Action

हंगामा

हंगामा

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कोशिश की है लोगों ने,

मुझको मिटाने की।

कुछ ऐसे बड़े लोगों के लिए, 

खुशी के गीत गाती हूँ।


प्रतिबंध मेरी सफलता पर,

पाबंदी मेरी बग़ावत पर।

घृणा करने वालों सुनो,

फिर क्यों मैं तुम्हारी प्रेरणा बन जाती हूँ?


उम्र बहता दरिया है,

तरंगों के साथ चलना है।

सितम कर ले अब दुनिया,

ओढ़नी मेरी तो मेरा कफ़न है।


हमारे दिल के ख्वाब,

दम पर मेरे मुकम्मल है।

कलम को खून देते हैं,

तब जज्बाती शब्द निकलते हैं।


रहो आबाद ए दुश्मन,

दुआ यह महफिल में हम पढ़ते हैं।

हमारे भाल पर है लिखा जरा मुस्कुरा दूं तो,

मुस्कान पर हमारी लोग हंगामा करते हैं।


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