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Taj Mohammad

Tragedy Action Inspirational

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Taj Mohammad

Tragedy Action Inspirational

बाबा अब जल्दी सेतुम लेने आओ।

बाबा अब जल्दी सेतुम लेने आओ।

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बाबा मुझको कब तक,

तुम लेने आओगे!

मेरे अशांत मन को,

कब शांत कराओगे!


स्मृति में तुम सब की,

नैनों से मेरे आंसू बहते है!

तुम सबसे जल्दी से जल्दी,

मिलने को ये कहते है!


व्याकुल मन है,

तुम सबको देखने को!

बड़ा अधीर हृदय है,

तुम्हारे घर में कुछ दिन रहने को!


बहुत कुछ सीखना है,

अम्मा मुझे अभी तुमसे जीवन में!

तेरी सीख हमेशा काम आती है,

अम्मा मुझको इस जीवन को जीने में!


इस महल से घर में,

मुझको बहुत घुटन होती है!

रीति रिवाज का जीवन जीने में,

मुझको बहुत चुभन होती है!


कितना प्रसन्न रहती थी बाबा,

मैं तेरे छोटे से घर आंगन में।!!

क्या अभी भी झूला पड़ता है,

अपने घर सावन में!


थोड़े से पल खुशियों के,

तुम सबके संग फिर से जीना चाहती हूं!

बाबा सखियों संग,

मैं फिर से खेतों में वर्षा में भीगना चाहती हूं!


पता है मुझको बिटिया का घर है,

आने में निर्धनता आड़े आती होगी!

अम्मा तुम बाबा को भेजो,

मेरे पास है कुछ पैसे मैं बाबा को चुपके से दे दूंगी!


बुरा ना मानना बाबा मेरा,

मैं तेरी बेटी से बेटा उस क्षण बन जाऊंगी!

मैं भी हूं संतान तुम्हारी,

तुम सबका सहारा बन जाऊंगी!


बाबा अब जल्दी से तुम लेने आओ!

अम्मा बाबा से कह दो बेटी के घर जाओ!



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