सींचकर बढ़े जिसे भाईचारा। धुले मन की दुर्गूण मैल सारा।। सींचकर बढ़े जिसे भाईचारा। धुले मन की दुर्गूण मैल सारा।।
आगे बढ़ते ही बस जाएं कदम कभी ना डगमगाए आगे बढ़ते ही बस जाएं कदम कभी ना डगमगाए
मस्त मस्त हवा का झोंका आता रहे यूं ही रे ऐसे ही धुन में हम मस्त मस्त गाते रहें यूं ही रे मस्त मस्त हवा का झोंका आता रहे यूं ही रे ऐसे ही धुन में हम मस्त मस्त गाते रहे...
वैशाख में होगा तपिश से हाहाकार .... आसाढ़ सूखा... ना पड़ेगी सावन मे रिमझिम फुआर वैशाख में होगा तपिश से हाहाकार .... आसाढ़ सूखा... ना पड़ेगी सावन मे रिमझिम ...
झूमती काली घनघोर घटायें उसके चंचल मन की व्यथा कहें इस मौसम में आंधी संग है बरखा देती है ... झूमती काली घनघोर घटायें उसके चंचल मन की व्यथा कहें इस मौसम में आंधी संग ...
राष्ट्र को परिवार समझो श्रेष्ठ कुल का मान समझो राष्ट्र को परिवार समझो श्रेष्ठ कुल का मान समझो