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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

वर्षा रानी

वर्षा रानी

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लौट चली अब वो वर्षा रानी।

अब न बरसेगा रिमझिम पानी।


अब नजर न आयेगा बादल काला।

अब न नाचेगा हो मोर मतवाला।।


पर्वत और झरने का वो मिलन शोर।

शांत हो चला शायद विदाई की ओर।


अब न होगी धमकाती रात तुफानी।

लौट चली अब वो वर्षा रानी।।


वर्षा रानी अब जब भी आना।

अपने संग ऐसे नीर लाना।।


सींचकर बढ़े जिसे भाईचारा।

धुले मन की दुर्गूण मैल सारा।।


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