तू है अटल
तू है अटल
धरा से चांद दूर हो रहा है
क्या रात बदल जाएगा
इन बातों पर सर न खपा
तेरे वश कुछ ना आएगा
ओ धरा अपने पथ,
ओ तारा भी अपने पथ
और जुगनू तेरी किस्मत
तू जुग जुग जल, तू जुग जुग जल
तू न तब था, तू न तब रहेगा
तेरी हस्ती फिर भी तब रहेगा
कोई आएगा कोई जाएगा
मन का सूनापन कोई ना भर पाएगा
ये समय तेरे साथ साथ चल रहा
तेरे आगे ना पीछे तू देख पाएगा
सदियों तक रहने मन मचल मचल
तू जुग जुग जल, तू जुग जुग जल I