झूमती काली घनघोर घटायें उसके चंचल मन की व्यथा कहें इस मौसम में आंधी संग है बरखा देती है ... झूमती काली घनघोर घटायें उसके चंचल मन की व्यथा कहें इस मौसम में आंधी संग ...
झूम उठते है पेड़-पौधे नई अंकुर देती है, तेरे बरस भर जाने से झूम उठते है पेड़-पौधे नई अंकुर देती है, तेरे बरस भर जाने से