यादों मे मेरी अम्मा यादों मे मेरी अम्मा
इसी ज्ञान की नींव पर, रिश्तों का महल खड़ा होता था, और चारों तरफ, प्यार का रंग बिखरा पड़ा होता था.. इसी ज्ञान की नींव पर, रिश्तों का महल खड़ा होता था, और चारों तरफ, प्यार का रंग...
अब अम्मा नहीं रही रह गई है शेष उनकी स्मृतियाँ और अम्मा का वो आँगन। अब अम्मा नहीं रही रह गई है शेष उनकी स्मृतियाँ और अम्मा का वो आँगन।
धरती भी देती है, माटी की मीठी सोंधी सुगंध धरती भी देती है, माटी की मीठी सोंधी सुगंध
वीराना सा कर गई सारा घर। वीराना सा कर गई सारा घर।
तुझे पकड़ने दौड़ा करती औ गिर जाने पर रोती थी ! देख घोंसले में नन्हों को, पर मैं कितना खुश ... तुझे पकड़ने दौड़ा करती औ गिर जाने पर रोती थी ! देख घोंसले में नन्हों को, ...