अनकहे रिश्ते ये फिर हुए हरे, पाकर अपने हिस्से का धूप-पानी। अनकहे रिश्ते ये फिर हुए हरे, पाकर अपने हिस्से का धूप-पानी।
कैक्टस के फूल-सा खिल उठता है मन कैक्टस के फूल-सा खिल उठता है मन
तुम्हारा होना न होने जैसा होता है। तुम्हारा होना न होने जैसा होता है।
ढूँढ लेना हर चीज वहां पर पर मक्कारियो क़ो ले जाना नहीं खूबसूरत ही था या मासूम भी ढूँढ लेना हर चीज वहां पर पर मक्कारियो क़ो ले जाना नहीं खूबसूरत ही था ...
जायका जो बदल लिया मैंने हो चुका बहुत मीठा अब थोड़ा तीखा हो जाए! जायका जो बदल लिया मैंने हो चुका बहुत मीठा अब थोड़ा तीखा हो जाए!
वीराना सा कर गई सारा घर। वीराना सा कर गई सारा घर।