गजल (सीख)
गजल (सीख)
दर्द में गम को छिपाना सीख लो,
हर दर्द पर मुस्कराना सीख लो।
छोड़ दो रंजिशें एक दूसरे से
अपने आप को बसाना सीख लो।
याद आए गहरा जख्म जब कभी,
पानी आंखों का सुखाना सीख लो।
रातें अंधेरी हों रास्ते सुनसान हों,
बन जाओ खुद दीपक और टिमटिमाना सीख लो।
मत करो फिक्र की ताकत बाजुओं में कम हो गई,
अपनी जुबां से हालात निपटाना सीख लो।
कौन साथ देता है इस दुनिया की भीड़ में सुदर्शन,
अकेले ही हर कार्य को सफल बनाना सीख लो।
छोड़ दो मन की मैल वा हीन भावना,
दिल को साफ सुथरा बनाना सीख लो।
कांटे भी कोई बिछा रहा है
आपकी राह में अगर, आप प्रेम के फूल बिछाना सीख लो।
राम जी आयेंगे एक न एक दिन जरूर,
आप भीलनी बनकर आस लगाना सीख लो।
क्या रखा है दर्दे गम में सुदर्शन, हर पल मुस्कराओ
और मुस्कराना सीख लो।
फैल जायेगी सुगंध फूलों की तरह
हर इंसान की अगर तुम
हर प्राणी को गले लगाना सीख लो।
