प्रकृति
प्रकृति
प्रकृति माँ है हमारी करो उसका सम्मान
अगर ना कर सको तो मत करो अपमान
प्रकृति हैं जीवनदायनी मत छीनो उसका जीवन
उसीने लाया हैं श्वास
उसीने लाया हैं शरीर में प्राणो का वास
उसी की वजह से सृष्टि हैं छाई
उसीका विध्वंस करके पाओगे क्या तुम भाई
वही है जीवनदायनी हमारी
वही हैं जीवनरक्षिणी हमारी
पर कलयुग में बात नई है छाई
चलो मिलकर शुरुवात करे
प्रकृति के संरक्षण कि नई कहानी।
