जब साथ तुम होते हो
जब साथ तुम होते हो
जब साथ तुम होते हो
पता नहीं क्या कशिश सी छा जाती है,
जब साथ तुम होते हो
यूं ही आँखें नम हो जाती हैं,
जब साथ तुम होते हो
कहने को तो पूरा आसमान होता है बात करने को
पर बात तिनके भर भी नहीं कर पाते,
जब साथ तुम होते हो
कहने को तो बस खामोशियाँ ही खामोशियाँ होती है
पर बातें तो नजरों का मिलाप ही कर देती है,
जब साथ तुम होते हो
यूं ही पागल से इठलाने बलखाने लगते हैं
पता नहीं ओंठ यूं ही मुस्कुरा लेते हैं,
बहुत हसीन सा लगने लगता है सब कुछ
उन दो पलों में नई रोशनी सी छा जाती है
ये नई सी रोशनी यूं ही मेरे जिंदगी में रहे,
आपका साथ यूं ही मेरे साथ जिंदगी भर रहे.....