तन्हा है दिल
तन्हा है दिल
गुंजन है भँवरों की
शब्दों की शहनाई है
तन्हा है दिल मेरा
तन्हा यह तन्हाई है
आओ मिलकर साज़ छेड़े
हम दर्दभरे नग्मों का
दिल की ताल पर
ठुमका लगाए नज़्मों का
गहरी पैठ सी गहन
यह अंगनाई है
इश्क़-मुश्क की बातें है
और बस जग हंसाई है
मेरे दोस्त बात मेरी
अब इतनी समझ मे आई है
इश्क़ मेरा इश्क़ नहीं
हां उसकी अदाएं अब भी
मेरे दिल को भायी है...।