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Dr. Poonam Gujrani

Romance

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Dr. Poonam Gujrani

Romance

मैं तुम्हें पहचान लूंगी

मैं तुम्हें पहचान लूंगी

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खामोशी का ओढ दुशाला

तुम भले आवाज मत दो

मैं तुम्हें पहचान लूंगी।


जब सुबह की धूप प्यारी

बांह मेरी थाम लेगी

खुशबुओं से तर दुपहरी

सांझ तेरा नाम लेगी

नींद में सपनों की चादर

के सरीखा तान लूंगी

मैं तुम्हें पहचान लूंगी।


जिंदगी की पुस्तिका में

एक बस किरदार तेरा

वेद की‌ पावन ऋचा सा

है यही संसार मेरा

डोर परिचय की पकङ़कर

तुमको अपना मान लूंगी

मैं तुम्हें पहचान लूंगी।


मोती में मुस्कान आती

स्वाति का आधार पाकर

कृष्ण राधा को बुलाते

बांसूरी की धुन बजाकर

भावनाओं की तपन से

अर्थ सारे जान लूंगी

मैं तुम्हें पहचान लूंगी।



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