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Dr. Poonam Gujrani

Abstract

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Dr. Poonam Gujrani

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आंखें

आंखें

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तुमको पास बुलाती आंखें,

ख्वाबों को दुलराती आंखें।


जब भी तीर चलाती दुनिया,

हमको बहुत रुलाती आंखें।


अपना दरपन देखो पहले ,

नुक्स कई दिखलाती आंखें।


महफ़िल में बैठे हैं हम-तुम,

 सबको भेद बताती आंखें।


भीतर बैठा एक अजाना,

उससे भी मिलवाती आंखें।


आंखों की भाषा समझो तो,

गणित कई सुलझाती आंखें।


सारे जग को प्यारी 'पूनम'

बच्चों की मुस्काती आंखें।



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