STORYMIRROR

Dr. Poonam Gujrani

Abstract Inspirational

4  

Dr. Poonam Gujrani

Abstract Inspirational

गीत मेरे भीतर गीत कोई गाता है

गीत मेरे भीतर गीत कोई गाता है

1 min
335

जीवन की आपाधापी में

उलझे सुलझे रिश्ते नाते

दिव्य कल्पनाएं आगत की

खुले अतीत के कितने खाते

अंगारों की बिछी सेज पर जो सावन बन आता है

मेरे भीतर गीत कोई गाता है ‌।


आशा की किरणें देहरी पर

सपनों का सौदा करती है

प्यासी मिट्टी के आंगन में 

जाने कितने रंग भरती है

कांटों की बगिया में फूलों का परचम लहराता है

मेरे भीतर गीत कोई गाता है।


कितने वादे रहे अधूरे

फिर भी कायम है विश्वास  

रात अंधेरी मगर सितारे

देते पग पग पर आश्वासन

टूटे तारों को जोड़े जो अंतस को सहलाता है

मेरे भीतर गीत कोई गाता है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract