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Chandramohan Kisku

Romance

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Chandramohan Kisku

Romance

प्यार जताना

प्यार जताना

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तुम्हें कभी 

मन की बात 

कहा नहीं हूँ 

फिर भी तुमसे 

बहुत प्यार करता हूँ 


तुम्हारी साज- सज्जा 

तुम्हारी सँवारी केश 

आँखों में काली काजल 

कोयल की जैसी बोल 

नागिन जैसी चाल

मुझे बहुत रिझाती है 


जब तुम साग तोड़ने जंगल 

मेरी बहन के साथ जाती हो 

और सिखाती हो --

"ऐसे कैसे 

साड़ी पहनी हो 

चलो पहनाती हूँ 

केश सँवार देती हूँ "

तुम्हारी हाथों से 

बालों को सँवारना

तुम्हें अति सुन्दर देखता हूँ 

जैसे तुम घर- द्वार को 

सँवार रही हो 

इसलिए तो मन में 

तुम्हारे लिए प्यार उमड़ता है 


तुम्हारे लिए लाई साड़ी

अति साधारण होने पर भी 

तुम प्यार के साथ 

पहनती हो 

और आरसी पर देह को देखती हो 

घूम- घूमकर 

तब तुम्हारी देह को देखकर 

प्यार उमड़ता है 


तुम्हारी माँग में

मेरे नाम का सिंदूर 

दिखने पर 

कपाल को चूमना चाहता हूँ 

पर हाय---

मुझे तो प्यार जताना ही 

नहीं आया.


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