तुम्हारी यादें तुम्हारी यादें
हाथ लिये पिचकारी, मुस्काये बनवारी हाथ लिये पिचकारी, मुस्काये बनवारी
उसे तोड़कर, यह सोचा है मैंने तुझे नई साड़ी दिलवाऊँगा उसे तोड़कर, यह सोचा है मैंने तुझे नई साड़ी दिलवाऊँगा
छोटे कपड़े नहीं पहनें, फिर भी उसको नोच खाया गया! छोटे कपड़े नहीं पहनें, फिर भी उसको नोच खाया गया!
बैर या प्रीति है तुम्हारी, इस बेजान परिंदे से, बार-बार इसे तुम, गिराती क्यों हो ! बैर या प्रीति है तुम्हारी, इस बेजान परिंदे से, बार-बार इसे तुम, गिराती क्यों हो ...
माँ की साड़ी का किनारा बच्चे के लिए एक अलग अहसास रखता है। माँ का आँचल यदि हाथ में हो तो बच्चा बहुत खु... माँ की साड़ी का किनारा बच्चे के लिए एक अलग अहसास रखता है। माँ का आँचल यदि हाथ में...