केवल वही पत्र नज़रों के सामने आ जाता है बिना सम्बोधन लिखा पत्र। केवल वही पत्र नज़रों के सामने आ जाता है बिना सम्बोधन लिखा पत्र।
उड़ उड़ कर नोट समाते चले जा रहे थे उस बटुए में। उड़ उड़ कर नोट समाते चले जा रहे थे उस बटुए में।
तुम्हारी शादी के उस सजीले कार्ड के नीचे। तुम्हारी शादी के उस सजीले कार्ड के नीचे।
तुम्हारी यादें तुम्हारी यादें
अतीत की तुम्हारी प्रेयसी बन फिर से अतीत की तुम्हारी प्रेयसी बन फिर से
नींद खुली तभी टूट गया ख़्वाब, किस्सा एक और हुआ अंकित इन यादों की किताब। नींद खुली तभी टूट गया ख़्वाब, किस्सा एक और हुआ अंकित इन यादों की किताब।