परिवार
परिवार
हाथों से अपनों का हाथ न छूटे
एक दूजे से कोई कभी ना रूठे
छोटे बड़े में हो बस प्यार
एक दूजे से ना हो तकरार
माता-पिता का साथ रहे
सर पर उनका हाथ रहे
मिलकर रहे सब एक ही साथ
आपस में सांझा हो हर बात
दुआएं सभी की मिलती रहे
खुशियों की कलियां खिलती रहे
रिश्तों से मिलकर बने परिवार
जीवन का असली ये आधार
प्यार ही इसका है श्रंगार
दादी और दादा की हो फटकार
झगड़े भी हो पर सुलझते रहे
ईगो में हम ना उलझते रहे
प्यार के मोती भरोसे का तार
इससे बनता घर संसार
एक दूजे पर है अधिकार
त्यौहार पर आए अनोखी बहार
ये मोहब्बत दिलों में पलती रहे
प्यार की शम्मा जलती रहे।
