सीमा में रहो
सीमा में रहो
तूफान अपनी सीमा में रहो हम वो चिराग है
जिसे तेज आंधियों में भी जलने का हुनर आता है।
बादलों मत डराओ हमें अपनी तेज बारिश से
हम वो परिंदे हैं जो तुम्हारी ऊंचाई से ऊंचा उड़ना जानता है।
सूरज अपनी गर्मी से मत जलाओ हमें हम उन योद्धा के वारिस हैं
जिन्हें तुम्हें गटकना भी आता है।
सर्दियों की बर्फीली हवा मत सताओ हमको
हम वो मानव हैं जिसे शुक्रगुजार को भी झेलना आता है।