सिलसिला
सिलसिला
सिलसिला
यों ही चलता रहेगा
कोई पा लेगा मंजिल
कोई हाथ मलता रहेगा
पतझड़ों में
डंठल हो जाते है पेड़
पर ऐसा रहता नहीं सदा
बहार फिर आती है
गुल खिलता रहेगा
रोशनी ही रहती सदा
रोशनी का महत्व क्या था
अंधेरा ही तो है वह
खुद मिटेगा
जग रोशन होता रहेगा
आशायें, निराशायें
साथ चलती है
जो डरता नहीं निराशा से
सफलता के बीज बोता रहेगा
सिलसिला
यों ही चलता रहेगा।