Prompt 1-योद्धा
Prompt 1-योद्धा
जब अनसुनी अनकही अनदेखी आयी नयी बीमारी थी
जब प्रतिपल दम तोड़ रहे इंसान
के अंदर न बची उम्मीद थी
तब जात पात धर्म सब मिटा
निस्वार्थ सेवा कर लोगों ने उम्मीद जगायी थी
चिकित्सक,सफ़ाईकर्मी,
पुलिस,फ़ार्मा क्षेत्र आदि ने भी
बखूबी अपनी भूमिका निभायी थी
न टूटने देना इन सबकी आस और मेहनत की कड़ी
जिन्होंने स्वप्राण परवाह किये बिना
हमारी जान बचायी थी
करते हैं दिल से इनको सलाम
ये हैं भगवान के समान
इस कोरोना जैसी बड़ी महामारी
हमारी रक्षा ख़ातिर अपनी
रातों की नींद उड़ायी थी
नमन योद्धाओं को,
जिन्होंने कठिन वक़्त देश की शान बढ़ाई थी।
