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Kusum Sankhala _"Kridha"

Abstract Tragedy Inspirational

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Kusum Sankhala _"Kridha"

Abstract Tragedy Inspirational

क्या जानना चाहते हो

क्या जानना चाहते हो

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क्या जानना चाहते हो

अब भी

तन्हा हूं या तन्हाई चाहती हूं

ज़िंदा हूं या ज़िन्दगी चाहती हूं

सफर ज़िन्दगी का कट रहा है कैसे

मैं मजे में हूं या मेरे मज़े लेने चाहते हो

उमर भर का जो दर्द दिया है तुमने

मैं सह रही हूं या सहना चाहती हूं


एक अजनबी से अपने बने

और अपनेपन से अंजान

कितनी अजीब हूं मैं ,

बेवफा तुम निकले, बेवफाई मेरे नाम,

मोहब्बत थी पहले तुमसे

अब नफ़रत की भी जगह नहीं,

बेनाम है मेरी ज़िन्दगी

अब कोई खोज खबर नहीं ,

क्या जानना चाहते हो

जानना चाहते हो क्या

मुझे मौत की चाहत हैं या मौत को मेरी....



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