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Kusum Sankhala _"Kridha"

Abstract Tragedy Inspirational

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Kusum Sankhala _"Kridha"

Abstract Tragedy Inspirational

कुछ हसीन पल को याद कर

कुछ हसीन पल को याद कर

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कुछ हसीन पल को याद कर

यूँ दुःखी क्यूं होता है,


छोटी सी तो हैं ज़िन्दगी

इतना क्यूं रोता हैं


है आज हम यहाँ कल वहाँ जाना ही हैं

फ़िर इस आज - कल में इतना परेशान क्यूं होता हैं


तू सोच ना इतना की सब असंभव सा लगे

एक हिम्मत ही तो करना होता है


कुछ मुश्किलों से तू घबरा क्यूं रहा है

हालातों से तो लड़ना ही होता हैं


कुछ हसीन पल को याद कर

यूँ दुःखी क्यूं होता हैं


हमसफ़र हमराही हैं हम सब

साथ - साथ ही तो चलना हैं


ज़िन्दगी को काटना मत सीख

जीना हैं और जीते ही रहना हैं


क्यूं परवाह करता है दुनिया की

ये दुनिया एक खिलौना हैं


रंगमंच की कठपुतली हैं हम सब 

एक दिन खेल ख़त्म होना है


कुछ हसीन पल को याद कर

यूँ दुःखी क्यूं होता है


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