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_ "Kridha"

Tragedy

4.5  

_ "Kridha"

Tragedy

लाख़ कोशिश में

लाख़ कोशिश में

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तू लाख संभाले ख़ुद को फिर भी संभल नहीं पायेगा,

एक छोटी से तारीफ़ से तू धोखा खा जाएगा ,


तू लाख बुरा कर ले पर कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा,

एक छोटी सी आस्था से सब अच्छा हो जायेगा,


तू लाख मदद कर किसी की कोई याद नहीं रख पाएगा ,

अपनी खुशी के लिए करा है , सौ बार गिनाया जायेगा,


तू लाख हिम्मत कर तेरा काम नहीं बन पाएगा,

एक छोटी सी रिश्वत से तेरा काम हो जायेगा,


तू लाख सोच ले तेरी चिंता मिटा नहीं पाएगा ,

एक छोटी सी चिंतन

से ही मन शांत हो जायेगा,


तू लाख़ कोशिश कर ले हर किसी को खुश नहीं रख पाएगा,

अपनी खुशी का ध्यान रखेगा तू स्वार्थी कहलाएगा,


तू लाख तारीफें करले लोगों की , लोगों को संतुष्ट नहीं कर पाएगा,

एक छोटी सी निंदा से तू बुरा बन जायेगा,


तू लाख समझाले लोगों को वो समझना नहीं चाहेगा,

एक धोखा खाने के अनुभव से ही उन्हें होश आयेगा,


तू लाख़ जताले प्यार को वो फिर भी नहीं समझ पाएगा ,

तेरी मौत के बाद ही प्यार का अहसास कर पाएगा,


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