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Kusum Sankhala _"Kridha"

Tragedy Inspirational

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Kusum Sankhala _"Kridha"

Tragedy Inspirational

सोच दुनियां की

सोच दुनियां की

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ब्रांडेड कपड़े खरीदे हैं तो, हम अमीर कहलाएंगे

बिना ब्रांडेड कपड़े हैं तोहम गरीब है माने जाएंगे


सब्जी जो खरीदे बड़ी दुकान से अमीरो की श्रेणी में आयंगे,

जो ठेले से सब्जी हमने खरीदी तो क्या हम गरीब हो जाएंगे,


चार पहियो की गाड़ी हो तो अमीरो वाले ठाठ हैं,

गाड़ी दो पाहियो की है गरीब आज उदास है,


बंगला बना हो करोड़ों का तो अमीरी उसमें झलकती है,

जो बना मकान है छोटा सा वो ग़रीबी उसपे सजती है,


जो सोने से वो लदा हुआ हैं, अमीरी का ठेकेदार हैं,

सिम्पल सादा रूप धरा हैं गरीबों का वफादार हैं,


जो जूते बाटा वाले है तो टाटा अमीरों वाला है

जो पहना उसने चप्पल हैं तो उसका ग़रीबी से नाता हैं,


बार - रेस्टोरेंट में जाता हैं तोअमीरों वाला शौक़ हैं,

पार्टी अगर पार्क में हैं तो गरीबों वाला जोक हैं,


आईफोन अगर लिया हुआ , अमीरी से नाता जु़ड़ता हैं,

कीपैड का फोन हैं तो तमाशा ग़रीबी का बनता हैं


अमीरी - ग़रीबी का फ़र्क करते हैं देख बाहर के रंग - रूप को,

दुनियां दिखावा देखती हैं अब पैसा - पावर चाहत सब को, 


मेरी नजर में मैं अमीर बनू तो, दिल का अमीर मैं होना चाहूं,

कपड़े भले ही साधारण हो, लोगों का तन ढकना चाहूं,


ना परवाह मुझे लोगों की हो, ना पैसे का दिखावा चाहूं,

दुनियां का ये नज़र का चश्मा, थोड़ा सा मैं हटाना चाहूं !


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