उफ्फ..! कितनी विभत्स और डरावनी है ये दुनियां जहां मानव तो है पर मानववीयता नहीं.! उफ्फ..! कितनी विभत्स और डरावनी है ये दुनियां जहां मानव तो है पर मानववीयता नही...
ना जाने वो कौन सा वक्त होगा, तुम्हारे जेहन में कुछ बातें होंगी। ना जाने वो कौन सा वक्त होगा, तुम्हारे जेहन में कुछ बातें होंगी।
मेरे अपनों का समय किसी और के नाम सही। खुश है अगर वो अपनी दुनिया में तो मैं कौन-सा गमगीन अकेला पड़ा हू... मेरे अपनों का समय किसी और के नाम सही। खुश है अगर वो अपनी दुनिया में तो मैं कौन-स...
हरकत कर जाए बचपन छीन जाए बागवान सर धुन पछताए।। हरकत कर जाए बचपन छीन जाए बागवान सर धुन पछताए।।
दुनियां का ये नज़र का चश्मा, थोड़ा सा मैं हटाना चाहूं ! दुनियां का ये नज़र का चश्मा, थोड़ा सा मैं हटाना चाहूं !
एकाकीपन हो, शांत वादियों मे ख़ामोश मन हो, मेरे अपने आगोश में। एकाकीपन हो, शांत वादियों मे ख़ामोश मन हो, मेरे अपने आगोश में।