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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Children Stories Action Classics

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Children Stories Action Classics

मासूम

मासूम

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बच्चे मन के सच्चे 

भगवन को लगते प्यारे

माँ बाप की आंखों के तारे।।

सपनों के रंग हज़ार

माँ बाप के राज दुलारे।

बच्चे माँ बाप ही नहीँ राष्ट्र

समाज के भविष्य वात्सल्य

वर्तमान हमारे।।

बच्चों में धीरज धर्म मर्म

मर्यादाओ की संस्कृति सांस्कार

निखारे।।


आदर्श स्वयं माँ बाप समाज

आचरण उदाहरण बच्चे

अनुसरण मार्ग पर चलते बढ़ते

जाए।।

कच्चे मिट्टी सा बच्चे माँ

बाप समाज प्रजापति ब्रह्मा

जैसा चाहे वैसा ही बच्चे बन जाए।।

चूक कहीं भी हो जाये 

पछताना ही भाग्य हिस्से में

आएं।।                   


बच्चे के पल प्रहर प्रगति

गति चाल पर मन दृष्टि भाव

लगाए।।

सड़क गली मोहल्लों पर 

नन्ही सी जान किसी जोखिम

में ना पड़ जाए।।


घर से बाहर बच्चे हो

जब भी माँ बाप संरक्षक की नज़रों

से ओझल ना पाए।।

बच्चों को मालूम नही 

जोखिम कहां प्यार कहाँ

बच्चे तो मासूम अनजान

उनको सारी दुनियां भाए।।

भले बुरे की पहचाना नहीं

ज्ञान नही प्राणि प्राण में बच्चे देखते

अपनी मासूमियत का भगवान

माँ बाप समाज की जिम्मेदारी बच्चे अंजान

मुसीबत में ना फंस जाए।।


कोमल भाव नाज़ुक नन्हीं

नादा जिद्द बच्चे राष्ट्र की फुलवारी के

फूल हुई जरा भी चूक जोखिम

काल समय के भौंरे ना जाने क्या 

हरकत कर जाए बचपन छीन जाए

बागवान सर धुन पछताए।।


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