झकझोरोगे, चिल्लाओगे और तब पाओगें के आपकी जैसे सबने, एक घेरे में जीने की आदत डाल ली है झकझोरोगे, चिल्लाओगे और तब पाओगें के आपकी जैसे सबने, एक घेरे में जीने की आदत ...
उफ्फ..! कितनी विभत्स और डरावनी है ये दुनियां जहां मानव तो है पर मानववीयता नहीं.! उफ्फ..! कितनी विभत्स और डरावनी है ये दुनियां जहां मानव तो है पर मानववीयता नही...
अधर्म का नारा हैं गुंज रहा धर्म की सांसे है घुट रही अधर्म का नारा हैं गुंज रहा धर्म की सांसे है घुट रही
हरदम ही पूरा रहिए तैयार, मानवीयता तो बस इसी का नाम है। हरदम ही पूरा रहिए तैयार, मानवीयता तो बस इसी का नाम है।