प्यार का जख्म
प्यार का जख्म
मैने चाहा था दिल से तुज़को,
फ़िर क्युं तुम रुठ गये?
प्यार भरा दिल मेरा तोड़कर,
मुजे छोड़कर क्यु चले गये?
क्या कसूर हुआ था मेरा,
तुम मुज़से क्युं नाराज़ हो गये?
सपनो का महल मेरा तोड़कर,
मुजे़ छोड़कर क्युं चले गये?
बसंत प्यार की छाई हुई थी,
पतझड़ मुज़को क्युं दे गये?
जीवनका उज़ला मिटाकर के,
मुजे़ छोड़कर क्युं चले गये?
सांसों की सरगम बहा रहा था,
नफ़रत का सूर क्युं लगा गये ?
प्यार की गज़ल बेसूरी कर के,
मुज़े छोड़कर क्युं चले गये?
ज़ल रहा हुं प्यारकी आग में,
मुज़े जख्मी क्युं बना गये?
दर्द दिवाना हुआ हुं "मुरली",
मुझे छोड़कर क्युं चले गये ?