मतलब
मतलब
जन्नत कहा था एक दफा उसने मुझे,
जहन्नुम का मतलब नहीं होगा पता शायद।
सोचती होगी खुशी है दूर रहने में मेरी,
तकलीफ का मतलब नहीं होगा पता शायद।
कहीं पास आए हम अगर तो होगा क्या,
दूरियों का मतलब नहीं होगा पता शायद।
तस्वीरें देख कर मुस्कुराता था कभी मैं,
आंसुओ का मतलब नहीं होगा पता शायद।
मत जोड़ लेना खुद को कहा था एक दफा,
दिल का मतलब नहीं होगा पता शायद।
तब कभी अपना कहा था उसने मुझे,
गैर का मतलब नहीं होगा पता शायद।
कुछ ही हों भले साथ के वो हसीं पल हमारे,
तब याद का मतलब नहीं होगा पता शायद।
देखी हो भले ही जिंदगी की खता शायद,
मगर मौत का मतलब नहीं होगा पता शायद।