चुटकी में ...
चुटकी में ...
सुना है किसी और की गलियों में गुफ्तगू किया करते हैं,
ठीक है हमें सलीका नही, बातों की रफू किया करते हैं।
अरे क्या हुआ, गलती हुई क्या,अरे नहीं सच कह दिया,
तभी वो बोले तुम्हें अदब नहीं, ऐसे बात किया करते हैं।
अरे तुम भी क्या खाते हो, क्या पीते हो, क्या जीते हो,
हमारी तरह कभी जी कर देखो कैसे जिया करते हैं।
बोले वो क्यों चुप हो, खामोशी से क्या इश्क़ करोगे,
उन्हें क्या बताएं शराबा तो महफिलों में किया करते हैं।
जिन्हें बस यूं चुटकी में मिली उनकी मोहब्बत ,
वो बताएंगे हमें कैसे रिस्क ऐ मोहब्बत लिया करते हैं।