मृत्यु एक इच्छा
मृत्यु एक इच्छा
जीवन का अंतिम मोड़ है
चार कंधों का गठ जोड़ है
जीते जी कोई खाना ना पूछे,
मरे बाद जिसके भंडारे करें,
साथ - साथी सब छूट जाए,
लोभ - मोह से परे हो जाए,
जीते जी प्यार को तरसे,
लाश पे जिसके आंसू बरसे,
जीने पे जिसमें हर बुराई दिखे ,
मरे हुए में सिर्फ अच्छा नज़र आए,
जीने की दुआ ना करता कोई ,
मरने पर कहते थोड़ा और जी जाते,
शायद इसलिए लोग कहते हैं,
जीवन से अच्छा मृत्यु आ जाए,
