STORYMIRROR

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Tragedy

4  

अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Tragedy

प्यार

प्यार

1 min
339

पहली बार मिलना हुआ,

प्यार समुन्दर से गहरा हुआ,

जिंदगी की कशमकश में,

एक दूजे को जीना मरना हुआ,


दिन गुजरे माह कटा,

प्यार के नाम दशक बना,

कुछ खट्टी कुछ मीठी,

यादों का सबब बना,


बिछड़ने का मौसम आया,

चलती राहों का सबक बना,

प्यार जो किया दिल से,

वो जिंदगी का दर्द बना,

मतलब ए परस्त मौका हो या आदमी,


वक्त पर दोनों ही साथ छोड़ देते हैं,

तकलीफ़ दिल की मर्ज ला ईलाज़,

दिल भी फिर करता नहीं फरियाद।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy