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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Tragedy

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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Tragedy

इश्क़ के दरिया में

इश्क़ के दरिया में

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राहों का अंजाना,

मोहब्बत का दीवाना।

चाहत का फसाना,

न इलाज न दवाखाना।


वादे झूठे कसमें झूठी,

बेवफाई मशहूर किस्सा,

पतवार टूटी हाथ से छूटी,

गम-ए-सैलाब मांझी डूबा।


इश्क के दरिया में,

कोई नाम नहीं,

गम के सिवा,

कोई ईनाम नहीं।


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