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Dinesh Dubey

Tragedy

4  

Dinesh Dubey

Tragedy

बड़े अरमान

बड़े अरमान

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बड़े अरमान थे तुझ संग ,

जीवन में देखने थे हर रंग ,

गफलत में रह गए हम ,

जीवन भर का ले लिया गम।


अब तो सिर्फ वो यादें रह गई,

जो बिताए थे पल हम तुम साथ ,

तुम्हारे जुल्फों के साए में हम ,

भूल जाते थे सभी गम,


ऐसे क्यों छोड़ गई तुम ,

सांसों को डोर तोड़ गई तुम,

कर गई मुझ से बेवफाई ,

दे गई मुझे ये तन्हाई।।


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