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goutam shaw

Abstract Tragedy

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goutam shaw

Abstract Tragedy

राख के धुंए में छिपा सपना

राख के धुंए में छिपा सपना

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राख के धुंए में छिपा सपना

राख के धुंए में छिपा सपना,

कुछ अधूरा, कुछ पूरा,

जीवन की राहों में, हर एक मोड़,

कुछ खोया, कुछ पाया…….


गिनती का सांस, अद्भुत गति में बहे,

सांसों की गहराई में छिपी खुशबू दे,

समय के संगीत में, हर ध्वनि सुने,

जीवन में खुशियों को सजावट दें।


राख में छिपा, आंगर कोई ना देखे,

परछाई नहीं, जो चोट भी ना लगे,

आह नहीं हो, पर दर्द तो होता ही है,

जिंदगी के गहरे संदेश तो देता ही है।


टूटना नहीं है, न है बिखरना,

उम्मीद में ही दुनिया कायम है,

नई उम्मीद तलाशने के लिए,

गिनती का सांस बाकी अभी।


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